चौहान वंश की उत्पत्ति// महत्वपूर्ण प्रश्न// important information of Chauhan vansh
चौहान वंश :- चौहानों की उत्पत्ति यज्ञ कुण्ड से हुयी है, अगस्त्य, परशुराम, वशिष्ठ ने मिलकर किया है। राजपूतो की अलग- अलग बहुत शाखाएं थी, ऐसे ही चौहानों की एक शाखा चौहान की थी।नवीं शताब्दी में वासुदेव ने की जो साजलक्षर राजस्थान के चौहान थे, इन्होने चौहान वंश की स्थापना की। इसकी राजधानी शाकम्भरी थी। परिहार सामन्ती के रूप में काम करते थे, उनके अधीन थे। → 20 वी शताब्दी के ए आते-आते, वाकपति प्रथम ने प्रतिहार से अलग चौहान वंश को अलग किया सिम्हराज / सिध्दराज (394-971ई.):- चौहान वंश का विस्तार किया। और महाराजाधिराज की उपाधि धारण करने वाला पहला राजा था। अजयराज द्वितीय (1110-1135 ई.J.- प्रतिहारों को हराय और उज्जैन पर कब्जा किया। → अजयमेरु (अजमेर) बाहर की स्थापना की। अरणोराज :- तुर्क हमलो से बचाया, उनको हाराम वापस गहर भगा दिया। विग्रह राज चतुर्थ (विसलदेव) (1150-1164 ई.): बिग्रह राज चतुर्थ को बीसलदेव के नाम से भी जानते है, जिसने लोमरों से दिल्ली छीन लिया था। लेकिन उन्हें बतौ सामन्त वही शासन करने दिया।→ गुजरात में लूट की। उनके दस्तावेजो सेज्ञात हुए कि उनका शासन उत्तर में शिवालिक से दक्षिण हु उदय...